Underlining that constitutional courts cannot be a mute spectator, the Calcutta High Court on Saturday ordered the deployment of Central forces in Bengal's Murshidabad where anti-Waqf protests have resulted in the death of three people. Several vehicles, including police vans, were set on fire, stones were thrown at security forces, and roads were blocked as violence erupted in Malda, Murshidabad, South 24 Parganas and Hooghly districts during protests over the new legislation yesterday. The High Court underlined that every citizen has right to life and it is the responsibility of the state to ensure that the life and property of every citizen is secured. "Constitutional Courts cannot be a mute spectator and embroil itself in technical defences when the safety and security of the people are at danger. The deployment of Central Armed forces earlier could have escalated the situation as it appears adequate measures have not been taken in time," said the court. The court...
आश्रय गृह की योजनाओं के नाम पर शासन को चपत खबर को पूरे सच के आज जनता के सामने रखा विभागीय स्तर पर आश्चर्य ग्रहों की योजनाओं को कागजों में समेट रखा है शासन की योजनाओं में किया जा रहा गोलमाल का खुलासा उन सिमटे हुए कागजों में हैं लेकिन खंगाला जाए तो एक व्यापक घोटाला उजागर होने की संभावना है विदित हो कि महिला सशक्तिकरण द्वारा आश्रय ग्रहों के माध्यम को लेकर कई इलाकों में आश्रय गृह खोले गए हैं प्रतिवर्ष शासन को शपथ लगाने वाले इन आश्रम ग्रहों में सर्वप्रथम शपथ देने वाला आश्रय गृह राज राधा आश्चर्य ग्रह है जो कि कोई कोठारी मैडम संचालित करती हैं इनके द्वारा दी गई जानकारी हश्र ग्रहों की क्षमता कितनी होती है उससे कई गुना सेवा भाव के नाम पर यह लोग शासन को शपथ देते आए हैं इस गोलमाल में संबंधित अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं आश्रय ग्रहों को लेकर बच्चों की क्षमता 25 है तो उपस्थित बच्चे 6:00 से ऊपर कभी नहीं पाए जाते महीने में जब कभी विजिट करते हैं या निरीक्षण किया जाए तो इससे ज्यादा बच्चे कभी नहीं पाय जाते हैं और ना ही कभी पाए जाएंगे आश्रय गृह पर विजिट करने से ज्ञात हुआ नियुक्त कर्मचारी की संख्या ज्यादा होती है औ र बच्चों की संख्या कर्मचारियों से कई गुना कम होती है इनकी मनमानी के चलते शासन को यह लोग प्रतिवर्ष कई लाखों की चपत देते हैं संचालकों के ऊपर प्रशासनिक अधिकारियों का विशेष सहयोग रहता है शिशु बाल गृह मैं निरीक्षण उपरांत सुनीता कोठारी जोकि संचालक महोदय है उनके द्वारा बताया गया कि बच्चों की सेवा करना कोई कठिन नहीं होता सुशासन हमें ज्यादा नियम कानून बताएगी विजिट करने के बाद ऐसा मानना है कि ऐसे संचालकों को आश्रय गृह चलाने का अधिकार छीन लेना चाहिए और इनके लिए एक बेसहारा ग्रह खोल देना चाहिए जिसमें यह अपनी मनमानी करते रहे इनकी मनमानी के चलते शासन को प्रतिवर्ष कई लाखों की बचत होगी कम से कम इनके द्वारा शासन की आंखों में धूल झोंकने जैसा सेवा भाव तो नहीं रहेगा यदि सशक्तिकरण का पूर्ण रुप से इन संचालकों के ऊपर हाथ नहीं होता तो संचालक साजन की आंखों में धूल नहीं झोक पाते 👉हेमराज विश्वकर्मा पत्रकार नरसिंहपुर👉
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